Uncategorized

ट्रम्प का 50% टैरिफ आज से लागू, 2+2 वार्ता और नौसेना के नए फ्रिगेट

अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ आज (बुधवार) से प्रभावी हो गए हैं। यह निर्णय पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापारिक नीतियों की वापसी की ओर इशारा करता है, जिनका उद्देश्य अमेरिकी उद्योगों की रक्षा करना है। लेकिन इस कदम से भारतीय निर्यात और आर्थिक वृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

क्या है मामला?

ट्रंप प्रशासन के दौरान शुरू हुई संरक्षणवादी व्यापार नीतियों को एक बार फिर प्राथमिकता दी जा रही है। नई टैरिफ नीति के तहत भारतीय वस्तुओं पर 50% तक आयात शुल्क लगाया गया है, जिससे टेक्सटाइल, स्टील, ऑटो पार्ट्स, और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों को सबसे ज्यादा झटका लगने की आशंका है।

आरबीआई की प्रतिक्रिया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोमवार को कहा कि यदि यह टैरिफ भारतीय आर्थिक वृद्धि पर असर डालते हैं, तो केंद्रीय बैंक आवश्यक नीतिगत हस्तक्षेप करने के लिए तैयार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन क्षेत्रों पर इस टैरिफ का अधिक प्रभाव पड़ेगा, उनके लिए भी पर्याप्त समर्थन उपलब्ध कराया जाएगा।

“जो भी समर्थन आवश्यक होगा, वह प्रदान किया जाएगा। हम अपने कर्तव्यों में पीछे नहीं हटेंगे,”
— संजय मल्होत्रा, गवर्नर, RBI

भारत-अमेरिका 2+2 वार्ता की पृष्ठभूमि

इस टैरिफ नीति की पृष्ठभूमि में भारत और अमेरिका के बीच 2+2 वार्ता भी विशेष महत्व रखती है, जो अगले माह प्रस्तावित है। रक्षा और विदेश मंत्रियों की इस संयुक्त बैठक में रणनीतिक, रक्षा और आर्थिक मुद्दों पर बातचीत की जाएगी। भारत द्वारा इस टैरिफ को उठाया जाना तय माना जा रहा है।

विशेषज्ञों के अनुसार, यह वार्ता दोनों देशों के रिश्तों की दिशा को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यदि अमेरिका अपने टैरिफ रुख में नरमी नहीं दिखाता, तो भारत भी जवाबी कार्रवाई पर विचार कर सकता है।

नौसेना को नया फ्रिगेट

इन सबके बीच, भारतीय नौसेना को एक नया स्वदेशी फ्रिगेट सौंपा गया है, जिसे “मेक इन इंडिया” पहल के तहत तैयार किया गया है। यह फ्रिगेट उन्नत हथियार प्रणाली और आधुनिक रडार तकनीक से लैस है। इस कदम को भारत की समुद्री शक्ति को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों के मद्देनज़र।

निष्कर्ष

जहां एक ओर अमेरिका की टैरिफ नीति से भारत की आर्थिक चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं, वहीं दूसरी ओर भारत रणनीतिक और सैन्य मोर्चों पर खुद को सशक्त कर रहा है। आगामी 2+2 वार्ता में यह देखा जाएगा कि क्या दोनों देश व्यापार और सुरक्षा के बीच संतुलन बना पाते हैं या नहीं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *