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तेजस्वी यादव ने राघोपुर से भरा नामांकन, आरजेडी का घोषणापत्र जनता के नाम

राघोपुर से नई उम्मीदों की शुरुआत

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने पारंपरिक गढ़ राघोपुर से नामांकन दाखिल किया। नामांकन के दौरान उनके साथ उनके पिता लालू प्रसाद यादव, माता राबड़ी देवी और बहन मीसा भारती भी मौजूद रहीं, जिससे परिवार की राजनीतिक एकजुटता का स्पष्ट संदेश गया।

नामांकन के बाद तेजस्वी यादव ने कहा, “राघोपुर मेरा कर्मक्षेत्र है, यह सिर्फ एक सीट नहीं, मेरी राजनीतिक यात्रा की आत्मा है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि वे इस बार किसी अन्य सीट से नामांकन नहीं करेंगे और राघोपुर को ही अपना एकमात्र चुनावी मैदान बनाएंगे।

तेजस्वी द्वारा दाखिल हलफनामे में लगभग ₹8.1 करोड़ की संपत्ति घोषित की गई, जबकि उनकी पत्नी की संपत्ति लगभग ₹1.88 करोड़ बताई गई है। ये आंकड़े बतलाते हैं कि तेजस्वी अब न केवल एक जमीनी नेता हैं, बल्कि एक संपन्न राजनेता के रूप में भी उभरे हैं।


आरजेडी का घोषणापत्र: बदलाव का दस्तावेज़

राष्ट्रीय जनता दल ने इस चुनाव में अपना घोषणापत्र जारी करते हुए इसे “बदलाव का संकल्प पत्र” कहा है। इसमें पार्टी ने समाज के हर वर्ग — खासकर युवाओं, महिलाओं, किसानों और गरीबों — को ध्यान में रखते हुए अनेक लोकलुभावन वादे किए हैं। घोषणापत्र के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:

1. युवाओं के लिए रोजगार

  • पहली कैबिनेट बैठक में 10 लाख सरकारी नौकरियों की घोषणा।
  • प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए फॉर्म शुल्क पूरी तरह माफ किया जाएगा।
  • स्थानीय युवाओं को 85% आरक्षण देने की नीति लागू की जाएगी (डोमिसाइल नीति)।

2. शिक्षा और परीक्षा सुधार

  • सभी शैक्षणिक संस्थानों में सुविधा शुल्क में कटौती
  • आउटसोर्सिंग और संविदा प्रणाली समाप्त कर स्थायी नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

3. महिला सशक्तिकरण

  • महिलाओं के लिए “माई-बहन मान योजना” के तहत हर पात्र महिला को ₹2500 प्रति माह
  • महिला सुरक्षा, हेल्पलाइन और तेज़ न्याय प्रक्रिया के लिए विशेष न्यायालयों की स्थापना।

4. सामाजिक सुरक्षा

  • वृद्धों, विकलांगों और विधवाओं को ₹1500 प्रतिमाह पेंशन
  • सभी नागरिकों को गृह उपयोग के लिए 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली

5. आर्थिक न्याय और आरक्षण

  • EBC (अति पिछड़ा वर्ग) के लिए पंचायत और नगर निकायों में 30% आरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा।
  • सभी पिछड़े वर्गों को योजनाओं में प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाने के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म तैयार किया जाएगा।

6. पुरानी पेंशन योजना की वापसी

  • राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को पुनर्स्थापित किया जाएगा।

7. किसान और ग्रामीण योजनाएं

  • सिंचाई के लिए बिजली फ्री, और सब्सिडी के साथ कृषि उपकरण।
  • मंडी व्यवस्था को सशक्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने के प्रयास।

राजनीतिक संदेश और रणनीति

आरजेडी के घोषणापत्र और तेजस्वी यादव की चुनावी सक्रियता का स्पष्ट संकेत है कि पार्टी इस बार सिर्फ सत्ता नहीं, बल्कि एक नई पीढ़ी के बिहार की नींव रखने का दावा कर रही है। तेजस्वी न सिर्फ अपने राजनीतिक वंश की पहचान दोहराते हैं, बल्कि आधुनिक नीति-निर्माण, डेटा और रोजगार जैसे मुद्दों को केंद्र में रखकर युवा मतदाताओं को लक्षित कर रहे हैं।

घोषणापत्र में जिस प्रकार की योजनाओं की झड़ी लगाई गई है, वह जनता को आकर्षित करने में कारगर हो सकती है। हालांकि, इन वादों के क्रियान्वयन की व्यावहारिकता, आर्थिक संसाधनों की उपलब्धता और प्रशासनिक क्षमता पर सवाल उठना स्वाभाविक है।


निष्कर्ष

तेजस्वी यादव का राघोपुर से नामांकन एक राजनीतिक परंपरा का निर्वहन ही नहीं, बल्कि नई राजनीति की उद्घोषणा भी है। आरजेडी का घोषणापत्र जहां उम्मीदों की झलक देता है, वहीं उसके वादों को ज़मीनी हकीकत में बदलना एक बड़ी चुनौती होगी। बिहार की जनता अब इंतज़ार कर रही है कि ये घोषणाएँ सिर्फ शब्द रहेंगी या वास्तव में बदलाव का ज़रिया बनेंगी।

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