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बिहार चुनाव 2025: जीतन राम मांझी ने भाजपा पर कसा तंज, दिनकर की कविता का लिया हवाला

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर सीट बंटवारे को लेकर तीखा कटाक्ष किया है। मांझी ने इस दौरान रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता रश्मिरथी की पंक्ति का हवाला देते हुए भाजपा को अप्रत्यक्ष चेतावनी दी।

मांझी के शब्द

जीतन राम मांझी ने अपने बयान में कहा:

“हो न्याय अगर तो आधा दो,
यदि उसमें भी कोई बाधा हो,
तो दे दो केवल 15 ग्राम,
रखो अपनी धरती तमाम,
HAM वही ख़ुशी से खाएंगें,
परिजन पे असी ना उठाएँगे।”

मांझी के इन शब्दों में स्पष्ट संदेश था कि वे HAM की हिस्सेदारी और सम्मान सुनिश्चित करना चाहते हैं। उनका यह भी कहना था कि गठबंधन में बने रहने का उनका उद्देश्य है, लेकिन न्याय और उचित हिस्सेदारी न मिलने पर चुनाव में भाग लेने पर पुनर्विचार करेंगे।

गठबंधन में असंतोष

HAM के अलावा अन्य सहयोगी दल भी सीट बंटवारे को लेकर असंतोष जता रहे हैं। मांझी के बयान से संकेत मिलता है कि गठबंधन में छोटे दलों की उपेक्षा से सामूहिक रणनीति और चुनावी परिणामों पर असर पड़ सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि गठबंधन में सहयोगी दलों के हितों की अनदेखी, चुनावी रणनीति और परिणामों को चुनौतीपूर्ण बना सकती है।

राजनीतिक अर्थ

जीतन राम मांझी का दिनकर की कविता और उनके शब्द भाजपा के लिए सांकेतिक चेतावनी हैं। यह संदेश देता है कि गठबंधन में सभी दलों के अधिकार और हिस्सेदारी का सम्मान करना अनिवार्य है। मांझी ने कहा:

“हम गठबंधन के प्रति वफादार हैं, लेकिन हमारे अधिकारों की अनदेखी किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं। न्याय और समान हिस्सेदारी ही चुनावी सफलता की कुंजी है।”

निष्कर्ष

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले HAM का यह कदम भाजपा के लिए सावधानी का संकेत है। जीतन राम मांझी के स्पष्ट संदेश और कविताई अंदाज ने गठबंधन में सहयोगियों के हितों और सम्मान की अहमियत को उजागर किया। उनके शब्दों के माध्यम से यह साफ है कि चुनावी रणनीति में न्याय और समान भागीदारी पर ध्यान देना अनिवार्य होगा।

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