प्रधानमंत्री मोदी का महात्मा गांधी पर प्रेरक विचार

मोदी ने कहा:
“गांधी जी ने हमें अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलना सिखाया। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर हम ‘विकसित भारत’ के निर्माण की दिशा में काम कर रहे हैं।”
मोदी जी ने महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा:
“गांधी जी की शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी कि उनके समय में थीं। उनका आदर्श हमें सिखाता है कि हम अपने भीतर के भय और द्वेष को त्यागकर सहिष्णुता और करुणा को अपनाएं।”
गांधी जी पर मोदी के प्रेरक विचार
प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार महात्मा गांधी को अपने प्रेरणास्त्रोत के रूप में बताया है। उन्होंने कहा है:
“गांधी जी ने दिखाया कि कैसे सत्य और अहिंसा से ही सबसे बड़ी जीत हासिल की जा सकती है। उनका जीवन हमें सिखाता है कि सच्ची ताकत हिंसा में नहीं, बल्कि संयम और धैर्य में होती है।”
मोदी ने एक बार कहा था:
“गांधी जी का संदेश सिर्फ भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए है। उनका जीवन एक ऐसा प्रकाश है जो सभी के लिए मार्गदर्शक है।”
गांधी जी के आदर्शों का आधुनिक भारत में महत्व
प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि आज के समय में भी महात्मा गांधी के सिद्धांत, जैसे अहिंसा, सत्याग्रह, स्वदेशी और सामाजिक समरसता, भारत की प्रगति और विश्व शांति के लिए बेहद जरूरी हैं। उन्होंने कहा:
“गांधी जी के सिद्धांतों को अपनाकर ही हम एक ऐसे भारत का निर्माण कर सकते हैं, जो समृद्ध, सशक्त और सर्वसमावेशी हो।”
मोदी ने यह भी कहा कि:
“महात्मा गांधी का आदर्श युवा पीढ़ी के लिए एक उज्ज्वल मार्ग है, जो उन्हें न केवल अपने देश के प्रति जिम्मेदार बनाता है, बल्कि वैश्विक नागरिक बनने की भी प्रेरणा देता है।”
‘वैष्णव जन तो’ और गांधी जी का सांस्कृतिक योगदान
प्रधानमंत्री मोदी ने गांधी जी के प्रिय भजन ‘वैष्णव जन तो तेने कहिये’ का भी जिक्र किया, जिसे उन्होंने मानवता, करुणा और सत्य की एक अमूल्य धरोहर बताया। उन्होंने बताया कि यह भजन हमें यह याद दिलाता है कि सच्चा मानव वही है जो सबके दुख को समझे और दूसरों के लिए संवेदनशील हो।
गांधी जी के विचारों पर मोदी का समापन संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:
“गांधी जी के आदर्शों को अपनाना हर भारतीय की जिम्मेदारी है। हमें अपने अंदर के रावण को परास्त कर, सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलना होगा।”
उन्होंने आगे कहा:
“गांधी जी ने हमें दिखाया कि कैसे व्यक्तिगत परिवर्तन ही सामाजिक परिवर्तन की नींव है। आइए, हम सभी मिलकर उनके दिखाए मार्ग पर चलें और अपने देश को एक नई दिशा दें।”
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजघाट पर महात्मा गांधी को दी गई श्रद्धांजलि और उनके विचारों को दोहराना यह बताता है कि गांधी जी की शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी सदियों पहले थीं। मोदी का यह संदेश विशेष रूप से युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा है कि वे गांधी जी के आदर्शों को अपनाकर अपने जीवन और देश के भविष्य को उज्जवल बनाएं।
जय श्री राम! और महात्मा गांधी के मार्ग पर चलकर एक सशक्त, समृद्ध और शांतिपूर्ण भारत का निर्माण हो।
