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रूसी विजय दिवस (9 मई): ऐतिहासिक जीत का सम्मान

हर वर्ष 9 मई को रूस में विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो नाजी जर्मनी के खिलाफ द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ की जीत का प्रतीक है। यह दिन 1945 में सोवियत संघ द्वारा बर्लिन पर कब्जा करने और युद्ध के समापन की घोषणा के लिए समर्पित है। विजय दिवस न केवल एक राष्ट्रीय अवकाश है, बल्कि रूसी इतिहास में एक महत्वपूर्ण और गर्वित क्षण भी है।

इतिहास और महत्व

विजय दिवस 1945 में जर्मनी की अटलांटिक महासंघ के साथ युद्धविराम समझौते के बाद मनाया जाता है। इस दिन को नाजी विरोधी संघर्ष में सोवियत संघ की विजय के रूप में याद किया जाता है, जिसने यूरोप और विश्व के अन्य हिस्सों में शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इस दिन का उद्देश्य उन लाखों सोवियत नागरिकों और सैनिकों को याद करना है जिन्होंने इस युद्ध में अपने जीवन की आहुति दी थी।

समारोह और परंपराएँ

विजय दिवस पर, रूस के विभिन्न शहरों में, विशेषकर मास्को में, भव्य परेड और सैन्य प्रदर्शन आयोजित किए जाते हैं। रेड स्क्वायर पर आयोजित मुख्य परेड में रूसी सेना के तीनों अंगों की भागीदारी होती है। इसके अलावा, युद्ध स्मारकों पर फूल चढ़ाए ज

ाते हैं और शहीद सैनिकों के सम्मान में मौन अवलोकन किया जाता है।

आधुनिक प्रासंगिकता

आधुनिक समय में, विजय दिवस रूसी लोगों के लिए राष्ट्रीय गौरव और एकता का प्रतीक है। यह दिन नई पीढ़ी को इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं से अवगत कराने का भी अवसर प्रदान करता है। इसके साथ ही, यह युद्ध की भयावहता और शांति की महत्वता को भी रेखांकित करता है, जिससे विश्व में स्थिरता और सहयोग की दिशा में काम करने की प्रेरणा मिलती है।

विजय दिवस रूसी जनमानस में एक गहरा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है और प्रतिवर्ष इसे बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन उन वीरों की याद में है जिन्होंने विश्व शांति के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।

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