Uncategorized

Jupiter Picture: 59 साल में पहली बार पृथ्वी के सबसे करीब आया ब्रहस्पति ग्रह, अगले 107 साल में नहीं दिखेगा ऐसा नजारा, देखें तस्वीर

बृहस्पति ग्रह: 59 साल में पहली बार पृथ्वी के सबसे करीब आया, अगले 107 साल में नहीं दिखेगा ऐसा नजारा

बृहस्पति ग्रह, जिसे ‘गैस जायंट’ भी कहा जाता है, इस साल पृथ्वी के सबसे करीब आया। इस घटना ने विज्ञान जगत में हलचल मचा दी है क्योंकि यह नजारा अगली बार 107 साल बाद देखने को मिलेगा। यह खगोलीय घटना 26 सितंबर 2022 को घटित हुई, जब बृहस्पति और पृथ्वी के बीच की दूरी सबसे कम थी।

बृहस्पति की खासियत

बृहस्पति सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है और इसका व्यास लगभग 142,984 किलोमीटर है। यह ग्रह मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों से बना है। बृहस्पति के 79 ज्ञात चंद्रमा हैं, जिनमें से चार गैलीलियन चंद्रमा (आयो, यूरोपा, गेनीमेड और कैलिस्टो) सबसे प्रसिद्ध हैं। बृहस्पति का विशाल आकार और इसकी गतिशील वायुमंडलीय परिस्थितियाँ इसे वैज्ञानिकों के लिए अत्यंत रोचक बनाती हैं।

59 साल में पहली बार

पृथ्वी और बृहस्पति का यह नजदीक आना 59 साल में पहली बार हुआ है। खगोलविदों के अनुसार, जब बृहस्पति पृथ्वी के सबसे करीब आता है, तो इसे ‘अपरोज’ (opposition) कहा जाता है। इस समय, बृहस्पति और सूर्य के बीच की दूरी सबसे कम होती है, जिससे बृहस्पति रात के आकाश में सबसे चमकदार दिखाई देता है।

अगला मौका 107 साल बाद

जो लोग इस बार इस अद्भुत दृश्य को देखने से चूक गए, उन्हें यह जानकर निराशा हो सकती है कि अगली बार यह घटना 107 साल बाद घटित होगी। यह समय अंतराल खगोलीय गणनाओं पर आधारित है और वैज्ञानिकों ने इसकी पुष्टि की है।

तस्वीरें और वैज्ञानिक महत्त्व

इस दुर्लभ खगोलीय घटना की तस्वीरें विश्वभर के खगोलविदों और वैज्ञानिक संस्थानों ने खींची हैं। नासा और अन्य खगोल विज्ञान संस्थानों ने बृहस्पति के इस करीब आने की उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें जारी की हैं, जिनमें इसकी वलयें, चंद्रमा और वायुमंडलीय संरचनाएँ स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं। इन तस्वीरों का अध्ययन कर वैज्ञानिक बृहस्पति की संरचना और इसके वातावरण के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

निष्कर्ष

बृहस्पति का पृथ्वी के करीब आना एक अद्वितीय खगोलीय घटना है, जिसे अगले 107 साल तक नहीं देखा जा सकेगा। इस नजारे ने खगोल विज्ञान प्रेमियों और वैज्ञानिकों के बीच उत्साह भर दिया है। इसके द्वारा प्राप्त तस्वीरें और आंकड़े हमें बृहस्पति के रहस्यों को समझने में मदद करेंगे। यदि आप इस बार इसे नहीं देख पाए, तो आपको अगले सदी तक इंतजार करना पड़ेगा, जब यह दृश्य पुनः अपनी भव्यता के साथ प्रकट होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button