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भारत की इलेक्ट्रिक गतिशीलता का परिवर्तन
भारत में इलेक्ट्रिक गतिशीलता का परिवर्तन कई महत्वपूर्ण कदमों और नीतियों के माध्यम से हो रहा है। यहाँ कुछ प्रमुख पहलुओं का उल्लेख किया जा रहा है:
- नीति और प्रोत्साहन: भारत सरकार ने राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक गतिशीलता मिशन योजना (NEMMP) 2020 और फेम इंडिया (FAME India) योजना के तहत विभिन्न प्रोत्साहनों की शुरुआत की है। इन योजनाओं का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की खरीद और निर्माण को प्रोत्साहित करना है।
- प्रचार और सार्वजनिक जागरूकता: विभिन्न जागरूकता अभियानों के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों के लाभों के बारे में जनता को जानकारी दी जा रही है।
- चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास: इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए सरकार और निजी कंपनियां मिलकर काम कर रही हैं। चार्जिंग स्टेशन की संख्या बढ़ाने के लिए अनेक पहल की जा रही हैं।
- विनिर्माण और स्थानीयकरण: ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत, इलेक्ट्रिक वाहनों और उनकी बैटरियों के स्थानीय निर्माण को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह न केवल लागत को कम करता है बल्कि आत्मनिर्भरता भी बढ़ाता है।
- प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण: इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने का एक मुख्य उद्देश्य वायु प्रदूषण को कम करना है, जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।
- टेक्नोलॉजी और नवाचार: अनुसंधान और विकास में निवेश बढ़ रहा है ताकि बेहतर और अधिक टिकाऊ इलेक्ट्रिक वाहन तकनीक विकसित की जा सके।
- निजी क्षेत्र की भागीदारी: अनेक निजी कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में निवेश कर रही हैं, जिससे इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और नवाचार को बढ़ावा मिल रहा है।
भारत में इलेक्ट्रिक गतिशीलता के इस परिवर्तन से उम्मीद है कि निकट भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे पर्यावरणीय स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा में सुधार होगा।