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विप्रो के कार्यकारी अध्यक्ष रिशद प्रेमजी को कोई परिवर्तनीय वेतन नहीं मिलता है, वित्त वर्ष 24 में वेतन में 20% की कटौती की जाएगी

विप्रो के कार्यकारी अध्यक्ष रिशद प्रेमजी को कोई परिवर्तनीय वेतन नहीं मिलता है, वित्त वर्ष 24 में वेतन में 20% की कटौती की जाएगी

विप्रो लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष रिशद प्रेमजी ने वित्त वर्ष 2024 में अपनी वेतन में महत्वपूर्ण परिवर्तन की घोषणा की है। इस परिवर्तन के तहत, उनका परिवर्तनीय वेतन पूरी तरह से हटाया गया है और कुल वेतन में 20% की कटौती की जाएगी।

रिशद प्रेमजी, जो विप्रो के संस्थापक अजीम प्रेमजी के बेटे हैं, ने 2019 में कंपनी के कार्यकारी अध्यक्ष का पदभार संभाला था। तब से, उन्होंने विप्रो को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के लिए अनेक रणनीतिक कदम उठाए हैं। लेकिन, उनके हालिया निर्णय ने उद्योग जगत में चर्चा का विषय बना दिया है।

विप्रो ने अपने शेयरधारकों को सूचित किया कि रिशद प्रेमजी को वित्त वर्ष 2024 में परिवर्तनीय वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, उनकी स्थायी वेतन संरचना में 20% की कमी की जाएगी। यह कदम कंपनी की लागत में कमी और लाभप्रदता को बढ़ाने की दिशा में उठाया गया है।

कंपनी के अनुसार, इस निर्णय का उद्देश्य विप्रो को वित्तीय दृष्टि से अधिक मजबूत बनाना और उसके कार्यकर्ताओं तथा अन्य उच्च अधिकारियों के बीच एक सकारात्मक संदेश भेजना है। यह कदम यह भी दर्शाता है कि कंपनी अपने उच्च प्रबंधन से लागत-कटौती और वित्तीय अनुशासन की अपेक्षा करती है।

यह पहली बार नहीं है कि रिशद प्रेमजी ने अपने वेतन में कटौती का निर्णय लिया है। इससे पहले भी, उन्होंने विप्रो के कर्मचारियों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करने के उद्देश्य से अपने वेतन में कटौती की है। उनके इस कदम से यह संदेश जाता है कि कंपनी का शीर्ष प्रबंधन भी वित्तीय जिम्मेदारी और पारदर्शिता के सिद्धांतों का पालन कर रहा है।

विप्रो ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह परिवर्तन केवल रिशद प्रेमजी के लिए नहीं, बल्कि कंपनी के अन्य शीर्ष अधिकारियों के लिए भी लागू हो सकता है। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और प्रतिस्पर्धात्मक दबाव के चलते आईटी सेक्टर की कंपनियां अपने खर्चों में कटौती कर रही हैं।

समग्र रूप में, विप्रो के कार्यकारी अध्यक्ष रिशद प्रेमजी का यह निर्णय न केवल कंपनी की वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि एक सशक्त नेतृत्व की भी मिसाल पेश करेगा। यह देखना बाकी है कि यह कदम कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति और प्रदर्शन पर क्या प्रभाव डालता है।

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