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1 जुलाई से क्रेडिट कार्ड सहित कई चीजों के बदल जाएंगे नियम, कतार में है ये डेडलाइन

1 जुलाई से क्रेडिट कार्ड और अन्य कई चीजों के नियमों में बदलाव होने जा रहा है, जिससे लोगों को कई नई चीजों का सामना करना पड़ेगा। ये बदलाव भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और अन्य नियामक संस्थाओं द्वारा किए गए हैं, जो वित्तीय सेवाओं में पारदर्शिता और उपभोक्ता संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाए जा रहे हैं।

क्रेडिट कार्ड के नियमों में बदलाव

  1. ब्याज दरों में संशोधन: 1 जुलाई से, कई बैंकों और क्रेडिट कार्ड प्रदाताओं ने अपने ब्याज दरों में बदलाव की घोषणा की है। इससे उन ग्राहकों को फायदा हो सकता है जो नियमित रूप से अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं और समय पर भुगतान करते हैं।
  2. लेन-देन की सुरक्षा: क्रेडिट कार्ड से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों को कम करने के लिए नई सुरक्षा प्रक्रियाएं लागू की जाएंगी। इसमें OTP (वन-टाइम पासवर्ड) और अन्य प्रमाणीकरण विधियों का सख्ती से पालन किया जाएगा।
  3. न्यूनतम भुगतान राशि: अब न्यूनतम भुगतान राशि में भी बदलाव किया जा सकता है, जिससे कार्डधारकों को समय पर भुगतान करने में सुविधा होगी और ब्याज भार कम होगा।

अन्य वित्तीय सेवाओं में बदलाव

  1. बैंकिंग शुल्क और सर्विस चार्ज: कुछ बैंकों ने अपने विभिन्न सेवाओं के शुल्क में वृद्धि की है। यह नई दरें 1 जुलाई से लागू होंगी, जिससे ग्राहकों को अतिरिक्त वित्तीय बोझ का सामना करना पड़ सकता है।
  2. संपत्ति कर और वित्तीय वर्ष: 1 जुलाई से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत हो रही है, जिससे संपत्ति कर और अन्य करों के भुगतान में भी बदलाव आएगा।

कतार में हैं ये डेडलाइन

  1. ITR फाइलिंग: आयकर रिटर्न फाइलिंग की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। यह एक महत्वपूर्ण डेडलाइन है जिसे सभी करदाताओं को ध्यान में रखना चाहिए ताकि उन्हें किसी प्रकार के जुर्माने का सामना न करना पड़े।
  2. जीएसटी रिटर्न: जीएसटी रिटर्न फाइल करने की भी अंतिम तिथि नजदीक आ रही है। व्यापारियों और व्यवसायों को सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपने सभी जीएसटी दायित्वों को समय पर पूरा करें।

निष्कर्ष

1 जुलाई से क्रेडिट कार्ड और अन्य वित्तीय सेवाओं के नियमों में बदलावों का उद्देश्य उपभोक्ताओं को बेहतर सुरक्षा और सुविधाएं प्रदान करना है। हालांकि, इन परिवर्तनों के कारण कुछ अतिरिक्त खर्च भी उठाने पड़ सकते हैं। इसलिए, सभी ग्राहकों और उपभोक्ताओं को इन बदलावों के बारे में जागरूक होना चाहिए और समय पर अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करना चाहिए।

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