आईटीआर फाइलिंग 2024: न्यू टैक्स रीजीम से ओल्ड टैक्स रीजीम में शिफ्ट करना चाहते हैं? जानिए क्या है प्रोसेस
आईटीआर फाइलिंग 2024: न्यू टैक्स रीजीम से ओल्ड टैक्स रीजीम में शिफ्ट करना चाहते हैं? जानिए क्या है प्रोसेस
भारतीय आयकर विभाग ने हाल के वर्षों में टैक्सपेयर्स के लिए दो टैक्स रीजीम्स की सुविधा प्रदान की है – न्यू टैक्स रीजीम और ओल्ड टैक्स रीजीम। दोनों रीजीम्स में अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं, और यह टैक्सपेयर पर निर्भर करता है कि वह किस रीजीम को चुनना चाहता है। यदि आप 2024 में न्यू टैक्स रीजीम से ओल्ड टैक्स रीजीम में शिफ्ट करना चाहते हैं, तो इसके लिए एक विशिष्ट प्रक्रिया है। इस लेख में हम इस प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानेंगे।
न्यू टैक्स रीजीम बनाम ओल्ड टैक्स रीजीम
न्यू टैक्स रीजीम को 2020 में पेश किया गया था, जिसमें कम टैक्स स्लैब की सुविधा दी गई है, लेकिन इसके तहत कई डिडक्शन्स और एक्सेम्प्शन्स को हटा दिया गया है। दूसरी ओर, ओल्ड टैक्स रीजीम में हाई टैक्स स्लैब हैं, लेकिन इसके साथ कई प्रकार की डिडक्शन्स और एक्सेम्प्शन्स का लाभ लिया जा सकता है।
शिफ्ट करने के कारण
टैक्सपेयर्स कई कारणों से न्यू टैक्स रीजीम से ओल्ड टैक्स रीजीम में शिफ्ट करना चाहते हैं:
- डिडक्शन्स और एक्सेम्प्शन्स का लाभ उठाना।
- पुराने टैक्स प्लानिंग टूल्स का इस्तेमाल करना।
- टैक्स बचत में वृद्धि करना।
शिफ्ट करने की प्रक्रिया
- आकलन करें: सबसे पहले, यह आकलन करें कि आपके लिए कौन सा टैक्स रीजीम अधिक फायदेमंद है। आप किसी टैक्स कंसल्टेंट की मदद भी ले सकते हैं।
- फॉर्म 10-IE दाखिल करें: यदि आप न्यू टैक्स रीजीम से ओल्ड टैक्स रीजीम में शिफ्ट करना चाहते हैं, तो आपको आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर फॉर्म 10-IE भरना होगा। इस फॉर्म में आपको अपने पर्सनल डिटेल्स, फाइनेंशियल इन्फॉर्मेशन और अपनी टैक्स चॉइस का उल्लेख करना होगा।
- आईटीआर फाइलिंग: फॉर्म 10-IE भरने के बाद, आपको अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना होगा। इसमें आपको ओल्ड टैक्स रीजीम के तहत अपनी इनकम और डिडक्शन्स की जानकारी देनी होगी।
- डॉक्यूमेंट्स तैयार रखें: ओल्ड टैक्स रीजीम के तहत डिडक्शन्स और एक्सेम्प्शन्स का दावा करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों को तैयार रखें। इनमें HRA, 80C, 80D, और अन्य सेक्शन्स के प्रमाणपत्र शामिल हो सकते हैं।
- वेरिफिकेशन: अपना ITR भरने के बाद, आपको इसे वेरिफाई करना होगा। आप इसे ई-वेरिफिकेशन के माध्यम से या फिर भौतिक रूप से साइन करके भेज सकते हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु
- एक बार फॉर्म 10-IE भरने के बाद, आप उस वित्तीय वर्ष के लिए अपनी टैक्स चॉइस को बदल नहीं सकते।
- अगले वित्तीय वर्ष में आप पुनः अपनी चॉइस बदल सकते हैं, बशर्ते आप फॉर्म 10-IE भरें।
- टैक्स प्लानिंग के लिए आप किसी वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं।
निष्कर्ष
न्यू टैक्स रीजीम से ओल्ड टैक्स रीजीम में शिफ्ट करना एक महत्वपूर्ण निर्णय है जो आपकी फाइनेंशियल स्थिति और टैक्स प्लानिंग पर प्रभाव डाल सकता है। यह सुनिश्चित करें कि आप सभी पहलुओं का आकलन करने के बाद ही यह कदम उठाएं। सही जानकारी और दस्तावेजों के साथ आप आसानी से इस प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं और टैक्स बचत का लाभ उठा सकते हैं।