लाल बहादुर शास्त्री जयंती 2025:

पीएम मोदी, राष्ट्रपति मुर्मू ने दी श्रद्धांजलि; सादगी और सेवा के प्रतीक को किया नमन
नई दिल्ली | 2 अक्टूबर 2025
आज पूरा देश भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की 121वीं जयंती मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्रीगण और लाखों देशवासियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
🌿 राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा — “शास्त्री जी की सादगी, नैतिकता और देशभक्ति अमर है”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विजय घाट जाकर शास्त्री जी को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए और उनके जीवन से जुड़े मूल्यों को आज के भारत के लिए अत्यंत प्रासंगिक बताया।
उन्होंने अपने संदेश में कहा:
“लाल बहादुर शास्त्री जी का जीवन हमें सच्चाई, ईमानदारी और जनसेवा की प्रेरणा देता है। ‘जय जवान, जय किसान’ का उनका नारा आज भी भारत के निर्माण की दिशा में मार्गदर्शक है।”
राष्ट्रपति ने युवाओं से अपील की कि वे शास्त्री जी की तरह सादगीपूर्ण जीवन जीने और देशहित में कार्य करने का संकल्प लें।
🕊️ प्रधानमंत्री मोदी का श्रद्धांजलि संदेश — “उनका जीवन एक आदर्श है, जो हमें कर्तव्य की प्रेरणा देता है”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजय घाट जाकर लाल बहादुर शास्त्री जी की समाधि पर पुष्प अर्पित किए और कुछ पल मौन रहकर श्रद्धांजलि दी।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
🏵️ “भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी को उनकी जयंती पर शत्-शत् नमन। उनका जीवन देश सेवा, सादगी और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। ‘जय जवान, जय किसान’ का उनका मंत्र सदैव हमें प्रेरणा देता रहेगा।”
मोदी जी ने यह भी कहा:
“शास्त्री जी ने संकट की घड़ी में भी देश का मनोबल ऊंचा रखा। उनकी सादगी और ईमानदारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रकाशस्तंभ है।”
🏛️ कौन थे लाल बहादुर शास्त्री?
- जन्म: 2 अक्टूबर 1904, मुगलसराय (उत्तर प्रदेश)
- शिक्षा: काशी विद्यापीठ से ‘शास्त्री’ की उपाधि
- योगदान: स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, ‘असहयोग आंदोलन’ में सक्रिय भागीदारी
- प्रधानमंत्री कार्यकाल: 1964 – 1966
- उपलब्धियां:
- 1965 भारत-पाक युद्ध में सफल नेतृत्व
- ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा
- हरित क्रांति को बढ़ावा
- निधन: 11 जनवरी 1966, ताशकंद (उज्बेकिस्तान) में
📌 देशभर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम
देश के विभिन्न हिस्सों में स्कूली बच्चों, युवाओं और सरकारी संस्थानों द्वारा श्रद्धांजलि सभाएं, भाषण प्रतियोगिताएं, और सफाई अभियान आयोजित किए गए। शास्त्री जी की सादगी और आदर्शों को चित्रों, पोस्टरों और नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।
📝 निष्कर्ष
लाल बहादुर शास्त्री जी केवल एक प्रधानमंत्री नहीं थे, वे भारत के संवेदनशील नेतृत्व, अडिग नैतिकता और राष्ट्रसेवा के जीवंत प्रतीक थे। राष्ट्रपति मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दी गई श्रद्धांजलि यह स्पष्ट करती है कि शास्त्री जी के विचार आज भी आत्मनिर्भर भारत और कर्तव्यनिष्ठ नागरिकता के लिए अत्यंत प्रेरणादायक हैं।
🌾 “जय जवान, जय किसान” — यह नारा आज भी भारत के हर कोने में गूंजता है और हमें यह याद दिलाता है कि देश की रक्षा और अन्नदाता का सम्मान सर्वोपरि है।
आइए, इस शास्त्री जयंती पर हम सभी उनके आदर्शों को अपनाकर एक समर्पित, सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दें।
जय हिंद! 🇮🇳
