4 अक्टूबर से बैंकों को चेक क्लियरेंस “घंटों में” करना होगा: आरबीआई का नया आदेश

नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने ग्राहकों की सुविधा बढ़ाने और बैंकिंग सिस्टम को और अधिक तेज़ और आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। अब बैंकों को 4 अक्टूबर 2025 से चेक क्लीयरेंस कुछ ही घंटों में पूरा करना होगा, यानी चेक क्लियरिंग प्रक्रिया को उसी दिन के भीतर निपटाया जाएगा।
यह आदेश पूरे देश में लागू होगा और इसका उद्देश्य है कि ग्राहकों को अपनी चेक पेमेंट के लिए अब एक या दो दिन तक इंतजार न करना पड़े।
🔹 अब तक क्या था सिस्टम?
अब तक चेक क्लियरेंस प्रक्रिया में आम तौर पर:
- 1 से 2 कार्यदिवस लगते थे,
- विशेष रूप से अगर चेक किसी दूसरे बैंक का होता या शहर से बाहर का होता।
लेकिन अब RBI के निर्देशों के अनुसार, यह प्रक्रिया “घंटों में” पूरी करनी होगी — यानी “Same Day Settlement” को प्राथमिकता दी जाएगी।
🔹 RBI ने क्यों लिया यह फैसला?
RBI का मानना है कि:
- डिजिटल पेमेंट्स की तरह ही चेक क्लियरेंस को भी तेज़ बनाना जरूरी है।
- चेक एक पारंपरिक लेकिन अब भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने वाला भुगतान माध्यम है।
- ग्राहकों को तेज़ सेवा और पारदर्शिता मिले, यही इसका मुख्य उद्देश्य है।
RBI ने बैंकों को पहले से पर्याप्त समय दिया है ताकि वे अपनी टेक्नोलॉजी और बैकएंड प्रोसेस को अपग्रेड कर सकें।
🔹 नई व्यवस्था कैसे काम करेगी?
- RBI की Cheque Truncation System (CTS) के जरिए अब चेक को फिजिकल रूप से नहीं भेजा जाएगा, बल्कि उसकी स्कैन की गई डिजिटल इमेज का उपयोग होगा।
- इससे इंटर-बैंक और इंटर-सिटी चेक भी कुछ घंटों में क्लियर हो सकेंगे।
- बैंक ब्रांचों को सुबह और दोपहर में दो राउंड क्लियरेंस की सुविधा दी जाएगी।
🔹 ग्राहकों को क्या लाभ होंगे?
- ✅ तेज़ पेमेंट प्रोसेसिंग — अब चेक का पैसा जल्दी अकाउंट में आएगा या कटेगा।
- ✅ कम वेटिंग टाइम — भुगतान या ट्रांजैक्शन में देरी नहीं होगी।
- ✅ बिजनेस ट्रांजैक्शन में तेजी — व्यापारिक लेन-देन अब और फुर्तीले होंगे।
- ✅ पारदर्शिता और भरोसा — बैंकिंग प्रक्रिया में स्पष्टता और भरोसा बढ़ेगा।
🔹 बैंकों की तैयारी
RBI ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे:
- अपनी बैकएंड तकनीक को CTS के अनुसार अपडेट करें,
- स्टाफ को नई प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षित करें,
- और सुनिश्चित करें कि 4 अक्टूबर से सभी शाखाओं में यह सिस्टम चालू हो जाए।
🔚 निष्कर्ष
RBI का यह कदम भारत में बैंकिंग प्रणाली को और अधिक डिजिटल, तेज़ और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा सुधार है। इससे न केवल आम ग्राहक को राहत मिलेगी, बल्कि बिजनेस और MSME सेक्टर को भी अपने फाइनेंशियल ऑपरेशन्स को तेज़ करने में मदद मिलेगी।
अब देखना यह है कि बैंक इस नई प्रणाली को कितनी अच्छी तरह अपनाते हैं और क्या यह बदलाव चेक जैसी पारंपरिक प्रणाली को फिर से लोकप्रिय बना पाएगा।




