दिल्ली हवाई अड्डे ने तेजी से आव्रजन प्रसंस्करण के लिए बायोमेट्रिक पंजीकरण कियोस्क स्थापित किए हैं
दिल्ली हवाई अड्डे ने तेजी से आव्रजन प्रसंस्करण के लिए बायोमेट्रिक पंजीकरण कियोस्क स्थापित किए हैं
नई दिल्ली: देश की राजधानी का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGI Airport) तकनीकी उन्नति की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए यात्रियों के लिए एक नई सुविधा लेकर आया है। दिल्ली हवाई अड्डे पर अब तेजी से आव्रजन प्रक्रिया को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए बायोमेट्रिक पंजीकरण कियोस्क स्थापित किए गए हैं।
यह नई सुविधा यात्रियों को लंबी कतारों से निजात दिलाने के साथ-साथ आव्रजन प्रक्रिया में समय की बचत करेगी। बायोमेट्रिक कियोस्क के माध्यम से यात्री अपना पासपोर्ट स्कैन कर सकते हैं, अपनी उंगलियों के निशान और चेहरा पहचान प्रणाली के जरिए पंजीकृत कर सकते हैं। इससे न केवल प्रक्रिया तीव्र होगी बल्कि सुरक्षा मानकों में भी सुधार होगा।
बायोमेट्रिक कियोस्क की विशेषताएँ:
- आत्म-पंजीकरण सुविधा: यात्री स्वयं ही कियोस्क पर जाकर अपना बायोमेट्रिक डेटा पंजीकृत कर सकते हैं। इसके लिए किसी अन्य व्यक्ति की मदद की आवश्यकता नहीं होती है।
- समय की बचत: यह प्रणाली आव्रजन प्रक्रिया में लगने वाले समय को काफी हद तक कम करती है। यात्री कुछ ही मिनटों में अपनी प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
- उच्च सुरक्षा स्तर: बायोमेट्रिक डेटा का उपयोग सुरक्षा मानकों को और मजबूत बनाता है। चेहरा पहचान प्रणाली और उंगलियों के निशान की जाँच से किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की संभावना नगण्य हो जाती है।
- सुगम अनुभव: इस नई प्रणाली के साथ यात्रियों को एक सुगम और सहज यात्रा का अनुभव मिलेगा। आव्रजन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की जटिलता या देरी नहीं होगी।
उद्घाटन और प्रतिक्रिया:
इस नई सेवा का उद्घाटन दिल्ली हवाई अड्डे के वरिष्ठ अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों की उपस्थिति में किया गया। अधिकारियों का मानना है कि इस पहल से भारत के हवाई अड्डों पर आव्रजन प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण सुधार आएगा और यात्रियों को एक बेहतर अनुभव मिलेगा।
यात्रियों ने भी इस नई सुविधा की सराहना की है। कई यात्रियों ने बताया कि बायोमेट्रिक कियोस्क ने उनकी आव्रजन प्रक्रिया को बेहद आसान और तेज बना दिया है। एक यात्री ने कहा, “यह एक बेहतरीन पहल है। अब हमें लंबी कतारों में खड़े होने की आवश्यकता नहीं है और प्रक्रिया भी बहुत तेज हो गई है।”
भविष्य की योजनाएँ:
दिल्ली हवाई अड्डा प्राधिकरण ने संकेत दिए हैं कि इस बायोमेट्रिक प्रणाली को और भी व्यापक रूप से लागू करने की योजना है। भविष्य में, यह सुविधा हवाई अड्डे के अन्य क्षेत्रों जैसे बोर्डिंग और सुरक्षा जाँच में भी शामिल की जा सकती है।
इस प्रकार, दिल्ली हवाई अड्डे ने बायोमेट्रिक पंजीकरण कियोस्क के माध्यम से न केवल अपनी सेवाओं को उन्नत किया है, बल्कि यात्रियों को एक सुरक्षित और सहज यात्रा अनुभव प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस नई तकनीक से आव्रजन प्रक्रिया में क्रांतिकारी परिवर्तन आने की उम्मीद है, जिससे यात्रियों की संतुष्टि और सुरक्षा दोनों में वृद्धि होगी।