✊ लोकनायक जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि: एक विचारक, क्रांतिकारी और जननायक को श्रद्धांजलि

आज भारत लोकनायक जयप्रकाश नारायण को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धा से याद कर रहा है।
11 अक्टूबर 1902 को जन्मे और 8 अक्टूबर 1979 को देहांत कर चुके जयप्रकाश जी न केवल स्वतंत्रता संग्राम के योद्धा थे, बल्कि वे भारतीय लोकतंत्र को नई दिशा देने वाले विचारक और आंदोलनकारी भी थे।
🔥 संघर्षों से बने जननायक
जेपी का जीवन स्वतंत्रता से लेकर व्यवस्था परिवर्तन तक के संघर्षों से भरा रहा।
- उन्होंने गांधी जी के साथ मिलकर भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी।
- अमेरिका से पढ़ाई छोड़कर वे देश की सेवा में जुट गए।
- उन्होंने ‘संपूर्ण क्रांति’ का नारा देकर राजनीतिक, सामाजिक और नैतिक क्रांति की बात की।
- 1970 के दशक में जब देश में भ्रष्टाचार और तानाशाही का माहौल बनने लगा, तो उन्होंने विद्यार्थियों, किसानों और आम जन को एकजुट कर एक ऐतिहासिक जन आंदोलन खड़ा किया।
🧭 जेपी का विज़न: संपूर्ण क्रांति
जेपी केवल सत्ता परिवर्तन नहीं चाहते थे, वे व्यवस्था परिवर्तन चाहते थे।
उनकी ‘संपूर्ण क्रांति’ का उद्देश्य था:
- भ्रष्टाचार-मुक्त प्रशासन
- समाज में समानता
- शोषण रहित अर्थव्यवस्था
- युवाओं की भागीदारी
- शिक्षा और ग्रामीण स्वराज को प्राथमिकता
उनका विश्वास था कि जनता ही असली ताकत है, और लोकतंत्र को केवल वोट तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि यह जन-जागरण और जन-भागीदारी का माध्यम होना चाहिए।
🧑🎓 आज के भारत में जेपी के विचारों की प्रासंगिकता
आज जब देश भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, सामाजिक असमानता और नैतिक पतन जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है, जयप्रकाश नारायण की सोच और दृष्टि पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गई है।
- युवाओं को आगे आकर सामाजिक चेतना के वाहक बनने की जरूरत है।
- राजनीतिक पारदर्शिता और जनता की भागीदारी फिर से केंद्र में लानी चाहिए।
- विकास को केवल आर्थिक दृष्टि से नहीं, सामाजिक समावेश और न्याय की दृष्टि से देखना चाहिए।
🙏 नमन है उस जननायक को…
आज उनकी पुण्यतिथि पर हम केवल श्रद्धा नहीं अर्पित करते, बल्कि उनके विचारों को फिर से जीवंत करने का संकल्प लेते हैं।
लोकनायक को शत-शत नमन।
